Bhengapan (भेंगापन) जिसे अंग्रेजी में स्क्विंट (squint) भी कहा जाता है एक ऐसी विकलांग स्थिति है यह आंखो की ऐसी समस्या है जिसमे आंखो की देखने की दिशा दृष्टि प्रभावित होती है। इसमे आंखो की देखने की दिशा एक दूसरे से अलग होती है। यह समस्या जन्मजात या किसी चोट के कारण भी हो सकती है।
भेंगापन के कारण अलग-अलग हो सकते हैं, जैसे आंखो में किसी प्रकार की दिक्कत, रेटिनोपथी, आई ग्लॉकोमा, कैटरैक्ट या जन्म से होने वाली समस्या। भेंगापन वाले व्यक्ति को नेत्रहीन या विकलांग इंसान कहा जाता है। ऐसे इंसान की सहायता के लिए स्पेशल इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट्स बनाए गए है जो उनके ठीक से देखने में सहायता करते है।
भेंगापन होने से एक आँख सही दिशा में देखती है जबकि दूसरी आँख अलग दिशा में देखती है भेंगापन की वजह से आंखो का विकास सही से नहीं हो पता जिससे दूरी का अंदाजा लगाने की क्षमता कम हो जाती है। यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है, लेकिन यह बच्चों में अधिक देखी जाती है। स्क्विंट या भेंगापन से रौशनी, या गहराई का अनुमान और उसकी शेप को समझने में दिक्कत हो सकती है। इसलिए, भेंगापन को जल्द से जल्द ठीक करना बहुत जरूरी होता है।
भेंगापन होने के कारण reasons of squint eye problem:
1 प्रतिसंश्लेषी त्रुटि
इसका मतलब है कि आंखें लेंस या कोरनिया के शेप की वजह से किन्ही एक चीजों पर ध्यान लगाने में दिक्कत होती है। उदाहरण के लिए, दूरदर्शिता (हाइपरोपिया) आंखों को अंदर की ओर मोड़ सकती है।
2 आंखों के मांसपेशियों का असंतुलन
इसमे आंखों के हिलने डुलने को कंट्रोल करने वाले पेशियां सही ढंग से मिलकर काम नहीं करती। इसका कारण एक या एक से अधिक पेशी की कमजोरी या टंगनेमा हो सकती है। उदाहरण के लिए, आंख के पास किसी नस की चोट या किसी तरह का संक्रमण आंख को बाहर की ओर मोड़ सकता है जिसे एक्सोट्रोपिय भी कहते है।
3 मस्तिष्क संबंधी समस्या
इसमे आंखों के इधर उधर देखने को कंट्रोल करने वाले पार्ट में समस्या होना। यह जन्मजात दिक्कत, चोट, स्ट्रोक, ट्यूमर या बीमारी के कारण हो सकता है। जैसे, सिबेरियल पॉल्सी या डाउन सिंड्रोम आंखों को ऊपर या नीचे मोड़ देता है।
4 आनुवंशिकता या जन्मजात
अगर परिवार में किसी को पहले से भेंगापन की समस्या है या थी तो इससे आपको या बच्चे को यह समस्या हो सकती है। अगर यह समस्या आपके माता या पिता किसी को भी है तो आगे उनके बच्चो को भी यह समस्या होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। कुछ बच्चे भेंगापन जैसी समस्या लेकर ही पैदा होते हैं और कुछ बच्चों को यह तुरंत जन्म के बाद हो जाता है।
भेंगापन को ठीक करने का घरेलू उपाय home remedies squint eye problem:
भेंगापन का उपचार कई कारणों पर निर्भर करता है। भेंगापन का इलाज का मकसद है इंसान की दिशा दृष्टि को सुधारना, आंखों को एक स्थान पर लाना और आलसी आंख (ऐम्ब्लियोपिया) या दो दृष्टि (दिप्लोपिया) जैसी दिक्कतों से बचना। भेंगेपन को ठीक करने का उपचार निम्नलिखित है:
1 चश्मे
यह मदद कर सकते हैं अगर भेंगापन किसी एक आंख या दोनों आंखों में किसी कारण हो। चश्मे से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता सुधर सकती है और चस्मा आंखों पर दबाव को कम ही करता है। कभी-कभी, केवल चश्मे से भेंगापन ठीक हो जाता है।
2 आंखों के व्यायाम
स्वामी बाबा रामदेव एक ऐसे व्यक्ति है जिन्होंने बिना किसी बाहरी इलाज के अपनी आंखों को केवल व्यायाम के माध्यम से ठीक किया। ये आंखों के इधर उधर घूमने को कंट्रोल करने वाले पेशियों के लिए व्यायाम हैं। इससे आंखें बेहतर हो सकती हैं और द्विबिंगी दृष्टि सुधर सकती है। आंखों के व्यायाम के बारे में हम आगे विस्तार से बताएंगे।
3 पैचिंग
यह आलसी आंख का इलाज करने का एक तरीका है जिसमें बेहतर देखने वाली आंख को दिनभर कुछ घंटे के लिए पैच से ढंका जाता है। इससे कमजोर आंख ज्यादा मेहनत करती है और उस आंख की बेहतर देखने की शक्ति बढ़ती है। पैचिंग आम तौर पर चश्मों या आंखों के व्यायाम के साथ किया जाता है।
4 दवा और चिकित्सा
यह कुछ भेंगापन के मामलों के लिए एक ऑप्शन है जहां शल्य चिकित्सा उपलब्ध नहीं है। दवा जैसे बॉटुलिनम टॉक्सिन (बोटॉक्स) को आंख के पेशी में इंजेक्शन के माध्यम से इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे आंख को अस्थायी रूप से कमजोर किया जा सकता है और आंख नए तरीके से काम करना शुरू कर सकती है लेकिन ध्यान दें की यह एक उपाय घरेलू नही है इसके लिए आपको अपने चिकित्सक से संपर्क करना आवश्यक है।
5 आंखों को आराम देना
आंखों को जादा फोन या टेलीविजन की स्क्रीनों पर घूरने, पढ़ने या अन्य नज़दीकी कामों के कारण भी यह होता है इसलिए ये सब देखकर कुछ समय ब्रेक देना जरूरी है। कुछ मिनट के लिए आंखें बंद करना या कुछ दूर की चीज देखना आंख के पेशियों को तंदुरुस्त कर सकता है और आंखों की थकान को कम कर सकता है।
6 स्वस्थ खानपान
आंख को स्वस्थ रखने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर खाना जरूर खाए, जैसे विटामिन A, C, E, जिंक और ओमेगा-3 फैटी एसिड। आंखो से जुड़ी समस्या होने पर गाजर, पालक, सीताफल, खजूर, मगज़, बीज और मछली जैसे पोषक तत्व से भरपूर चीज़ों का सेवन करें, जो आपकी आंखों को तेज बनाते है।
7 जड़ी बूटी का उपयोग
आंख संबंधी समस्याओं का इलाज करने के लिए कुछ जड़ी बूटियाँ हैं जैसे त्रिफला, इब्राइट, चमोमील और सौंफ। ये जड़ी बूटियाँ आंख में सूजन, संक्रमण और खिचाव को शांत करने के लिए आंखों में कपाल, प्रेस, या चाय के रूप में इस्तेमाल किया जाता हैं, और इनके सेवन से भेंगापन में भी बहुत लाभ पहुंचता है।
8 योग करना
आंखों में रक्त संचार, ऑक्सीजन सप्लाई और नस के कार्य को सुधारने में मदद करने के लिए कुछ योग आसन और व्यायाम बताए गए हैं। इसमें पाल्मिंग, ब्लिंकिंग, घूमना, ध्यान केंद्रित करना और आंखों की मालिश शामिल होती है। यह भेंगापन की समस्या को ठीक करने के लिए काफी असरदार आसान है।
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भेंगेपन समस्या के लिए योग best yoga for squint eye problem:
योग एक प्राचीन अभ्यास है जो शारीरिक आसनों, श्वास की तकनीकों और ध्यान को शामिल करता है। योग शरीर और मन के स्वास्थ्य और भलाई के लिए फायदेमंद होता है। योग आंखों में रक्त संचार, ऑक्सीजन की ठीक से सप्लाई और नस संचार को बढ़ाकर आंखों के स्वास्थ्य और दृष्टि में सुधार करता है। यहां कुछ ऐसे योग आसन और व्यायाम हैं जो भेंगापन समस्या में मदद कर सकते हैं।
1 पाल्मिंग
यह एक आसान तकनीक है जिसमें हथेलियों को मिलाकर उन्हें रगड़ कर गरम करके इन्हें बंद आंखों पर रखा जाता है। इससे आंखों पर आराम मिलता है और आंखों की पेशियाँ शांत हो जाती हैं। पाल्मिंग को दिनभर या सोने से पहले किया जा सकता है।
2 ब्लिंकिंग
यह भी एक आसन तकनीक है जिसमें आंखें कुछ सेकंड तक तेजी से झपकाना होता हैं और फिर कुछ सेकंड के लिए आंखों को बंद करना होता है। इससे आंखों को तरोताजा रखने में मदद मिलती है और भेंगापन में सुधार होता है। ब्लिंकिंग को दिनभर में कई बार या जब भी आपको आंखों में थकावट या तनाव महसूस होता है, किया जा सकता है।
3 आंखों को हर दिशा में घुमाना
यह एक तकनीक है जिसमें आंखें सिर को हिलाए बिना सभी दिशाओं में घुमाई जाती हैं। इससे आंखों की पेशियाँ खींची जाती हैं और आंखों पर दबाव बनाया जाता है। आंखों को दोनो तरफ से घुमाना है बारी बारी 10 बार बिना सर को घुमाएं केवल आंखों को घुमाने से भेंगापन जैसी समस्या को ठीक करने में सहायता मिलती है।
4 फोकसिंग
यह एक तकनीक है जिसमें एक आँख बंद करके एक वस्तु पर ध्यान केंद्रित या फोकस करना होता है और फिर दूसरी आँख बंद करके उसी वस्तु पर ध्यान केंद्रित करना होता है। इससे आंखों की फोकस करने की क्षमता में सुधार होता है और दोनों आंखों की दृष्टि में सुधार होता है। फोकसिंग को पेंसिल, उंगली या दूसरी कोई वस्तु जिसे आप अपनी आंखों से करीब और दूर कर सकते हैं, के साथ किया जा सकता है।
5 मालिश
कई बार बहुत जादा टीवी देखने के कारण या स्क्रीन को देखने के कारण हमारी आंखें थक जाती है और यह भेंगेपण को और बढ़ावा देती है ऐसे में आंखों के सरसो के तेल से बराबर मालिश करना बहुत जरूरी होता है।
6 पेंसिल पुश-अप्स
यह भेगेपन की समस्या के लिए एक सर्वश्रेष्ठ व्यायाम है। इस व्यायाम को करने के लिए, आपको एक पेंसिल को पकड़ कर अपनी आंखों से थोड़ी दूरी पर पकड़ना होगा, और फिर धीरे से इसे अपनी नाक की ओर ले जाते हुए अपनी आंखों को उस पर ध्यान केंद्रित रखना होगा। जब आप अपनी नाक तक पहुंचें, तब रुक जाएँ। फिर इसे अपनी नाक से दूर करें। इसे 10 से 20 बार दोहराएँ।
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व्यायाम एक ऐसा प्रभावी तरीका है जिससे आंखों की पेशियाँ मजबूत होती हैं, आंखों की भेंहेपन में सुधार होता है और आंखों में तनाव कम होता है। व्यायाम से भेंगेपन समस्या को रोकने या कम करने में भी मदद मिलती है इसलिए ऊपर दिए गए तरीकों को जरूर अपनाएं और घर बैठे अपने भेंगेपन की समस्या को दूर करें।