Premature ejaculation: शीघ्रपतन की समस्या को जड़ से खत्म कर देंगे ये 7 योगासन

शीघ्रपतन (premature ejaculation) एक आम यौन समस्या है जो कई पुरुषों को प्रभावित करती है। यह समस्या आज के समय में काफी जादा बढ़ गया है शीघ्रपतन ऐसी समस्या है जिसमे संभोग के दौरान जल्दी ही वीर्य निकल जाता है, इससे आप अपने साथी को सही से संतुष्ट करने में असमर्थ होते है जिसके परिणामस्वरूप दोनों भागीदारों में असंतोष होता है। शीघ्रपतन के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अत्यधिक हस्थ्मैथुन, तनाव, चिंता, अवसाद, हार्मोनल असंतुलन या शारीरिक कारक। हालाँकि, यह कोई बड़ी समस्या नहीं है इस समस्या को आसानी से दूर करने और अपने यौन प्रदर्शन और आत्मविश्वास को बेहतर बनाने के प्राकृतिक व आयुर्वेदिक तरीके हैं। उनमें से एक है योग,

शीघ्रपतन / premature ejaculation

योग एक प्राचीन अभ्यास है जिसमें शारीरिक मुद्राएं, सांस लेने की तकनीक और ध्यान के द्वारा आप छोटे से लेकर कई जानलेवा बीमारियों को जड़ से खत्म कर सकते है। योग से माध्यम से आप बड़े ही आसानी से शीघ्रपतन और अन्य यौन समस्याओं को बड़े ही आसानी से ठीक कर सकते है योग आपके रक्त परिसंचरण को बढ़ाकर, आपकी पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत करके, आपके दिमाग को आराम देकर और आपकी सहनशक्ति को बढ़ाकर शीघ्रपतन से निपटने में आपकी मदद कर सकता है। यहां कुछ बेहतरीन योग आसन बताए गए हैं जो शीघ्रपतन को रोकने या ठीक करने में आपकी मदद कर सकते हैं।

यहाँ जाने – शीघ्रपतन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए क्या खाए

शीघ्रपतन से छुटकारा पाने के लिए सबसे अच्छे योगासन (Best yoga to get rid of premature ejaculation)

1 कपालभाति प्राणायाम (skull shining breath)

शीघ्रपतन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कपालभाति प्राणायाम बेहद फायदेमंद है शीघ्रपतन या इसके अलावा कोई भी यौन समस्या या यौन दुर्बलता है तो कपालभाति करने मात्र से यह समस्या खत्म हो जाएगी। रोज़ सुबह 15 मिनट से लेकर आधे घंटे कपालभाति प्राणायाम करें। 1 महीने में आपको असर दिखने लग जाएगा।

कपालभाति
कपालभाति प्राणायाम करने की विधि

सुखासन में बैठ जाइए, कमर सीधी रखे और अपने दोनों हथेलियों को अपने घुटनो पर रखे। पेट को अंदर करते हुए सांस को बाहर छोड़े ऐसा बार बार करते रहें। इसको आप आराम से, मध्यम गति या तीव्र गति से कर सकते है यह आपके उपर निर्भर करता है।

2 अनुलोम विलोम प्राणायाम (alternate nostril breathing)

शीघ्रपतन या किसी भी यौन समस्या से छुटकारा पाने के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम काफी लाभकारी है। इसको आप प्रतिदिन सुबह 10 से 15 मिनट करें अगर आप प्रतिदिन अनुलोम विलोम प्राणायाम करते है तो इससे आपके दिमागी शक्ति व दिमाग की कार्य करने की क्षमता बढ़ती है। इससे आपका ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है जिससे शीघ्रपतन की समस्या खत्म हो जाती है।

अनुलोम विलोम प्राणायाम
अनुलोम विलोम करने की विधि

सुखासन में बैठ जाइए बाएँ हथेली को घुटने पर रखे अब दाएँ हाथ की उंगली से अपने नाक के दाएँ छेद को बंद करते हुए नाक के बाएँ छेद से सांस लें और छोड़े उसके बाद नाक के बाए छेद को बंद करते हुए नाक के दाएँ छेद से सांस लें।

3 शीर्षासन (head stand)

शीघ्रपतन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए शीर्षासन योग भी बेहद फायदेमंद है यह आपके ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है शीर्षासन करने से मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है इससे आपका फोकस बढ़ता है प्रतिदिन करने से शारीरक शक्ति बढ़ती है जो शीघ्रपतन या अन्य यौन समस्याओं को खत्म करता है। इसको आप सुबह खाली पेट 5 से 10 मिनट रोज़ करें।

शीर्षासन
शीर्षासन करने की विधि

सबसे पहले घुटनो के बल बैठिए अपने सिर को जमीन पर रखिए दीवार के सहारे और अपने सिर व हाथ के बल पर शरीर को उपर की उठाए एक दम सीधे रहे।

4 सर्वांगासन (shoulder stand)

सर्वांगासन भी शीघ्रपतन से छुटकारा पाने के लिए बेहद फायदेमंद योगासन है। यह आपके ब्लड सर्कुलेशन को अच्छा करता है इस आसान के नियमित अभ्यास से शरीर को बल और मानसिक शांति मिलती है। सर्वांगासन करने से एंडोक्राइन ग्लैंड, थ्यरोइड ग्लैंड स्टिमुलेट करता है। यह हार्मोनल असंतुलन को संतुलित करता है जो शीघ्रपतन और अन्य यौन समस्या से छुटकारा दिलाता है।

सर्वांगासन
सर्वांगासन करने की विधि

सबसे पहले अपने पीठ के बल ले जाए, फिर अपने पैर, कूल्हे और कमर को उपर उठाए, इस दौरान आपके शरीर का सारा भार आपने कंधो पर ले लें। पीठ को सीधा रखने के लिए अपने हाथो से पीठ को सहारा दें।

5 धनुरासन (Bow Pose)

धनुरासन एक ऐसी मुद्रा है जो आपके पूरे शरीर, विशेषकर आपकी पीठ, छाती, पेट और जांघों को फैलाती है। यह आपके प्रजनन अंगों को भी उत्तेजित करता है और आपकी यौन जीवन शक्ति में सुधार करता है।

धनुरासन करने की विधि

इस आसन को करने के लिए अपने पेट के बल लेट जाएं और अपनी बांहों को बगल में रखें और पैरों को थोड़ा अलग रखें। अपने घुटनों को मोड़ें और अपनी एड़ियों को अपने नितंबों के पास लाएँ। पीछे पहुंचें और अपने हाथों से अपनी एड़ियों को पकड़ें। श्वास लें और अपनी छाती और जांघों को फर्श से ऊपर उठाएं, जिससे आपके शरीर के साथ धनुष का आकार बन जाए। सामान्य रूप से सांस लेते हुए इस मुद्रा में 15 से 20 सेकंड तक रहें। सांस छोड़ें और अपनी एड़ियों को छोड़ें, अपनी छाती और जांघों को फर्श पर टिकाएं। इस मुद्रा को 3 से 5 बार दोहराएं

धनुरासन

6 पश्चिमोत्तानासन (Seated Forward Bend)

पश्चिमोत्तानासन एक ऐसी मुद्रा है जो आपकी रीढ़, हैमस्ट्रिंग और पीठ के निचले हिस्से को फैलाती है। यह आपके पेट के अंगों की भी मालिश करता है और आपके पाचन में सुधार करता है। यह आपके पेल्विक क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को बढ़ाकर और आपके शुक्राणु को अधिक शक्तिशाली बनाकर शीघ्रपतन को रोकने में आपकी मदद कर सकता है।

पश्चिमोत्तानासन करने की विधि

इस आसन को करने के लिए, अपने पैरों को अपने सामने फैलाकर और अपने पैर की उंगलियों को ऊपर की ओर करके फर्श पर बैठें। श्वास लें और अपनी रीढ़ को लंबा करते हुए अपनी बाहों को अपने सिर के ऊपर उठाएं। साँस छोड़ें और अपने कूल्हों से आगे की ओर झुकें, अपने हाथों से अपने पैर की उंगलियों तक पहुँचें। अपनी पीठ सीधी रखते हुए अपने माथे को घुटनों से छूने की कोशिश करें। गहरी सांस लेते हुए इस मुद्रा में 30 से 60 सेकंड तक बने रहें। श्वास लें और अपने धड़ को ऊपर उठाएं, अपनी भुजाओं को बगल की ओर नीचे करें। इस मुद्रा को 3 से 5 बार दोहराएं।

पश्चिमोत्तानासन (Seated Forward Bend)

7 हलासन (Plow Pose)

हलासन एक ऐसी मुद्रा है जो शरीर को उल्टा (उल्टा) करती है जो मस्तिष्क को शांत करने, तनाव से राहत देने और थायरॉयड ग्रंथि को उत्तेजित करने में मदद करती है। यह पेट की मांसपेशियों को भी टोन करता है और प्रजनन प्रणाली के कार्य को बढ़ाता है। यह आपकी पैल्विक मांसपेशियों की सहनशक्ति और नियंत्रण को बढ़ाकर पीई में देरी करने में आपकी मदद कर सकता है।

हलासन करने की विधि

इस आसन को करने के लिए अपनी पीठ के बल लेट जाएं और अपनी बांहों को बगल में रखें और हथेलियां नीचे की ओर हों। अपने पैरों को सीधा रखते हुए 90 डिग्री के कोण तक उठाएं। अपने हाथों से अपने कूल्हों को सहारा दें और धीरे-धीरे अपने पैरों को अपने सिर के ऊपर ले आएं, अपने पैर की उंगलियों से अपने पीछे फर्श को छूएं। अपनी पीठ को फर्श से सीधा रखें और अपने कूल्हों को अपने कंधों के ऊपर रखें। सामान्य रूप से सांस लेते हुए इस मुद्रा में 15 से 30 सेकंड तक बने रहें। मुद्रा जारी करने के लिए, समर्थन करें अपने कूल्हों को अपने हाथों से दबाएं और धीरे-धीरे फर्श पर वापस लौटें

हलासन (Plow Pose)

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