हार्मोन एक रासायनिक पदार्थ है जो हमारे शरीर में विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करते हैं, जैसे मेटाबोलिज़म, हमारी मनोदशा, पाचन, शारीरक व मानसिक विकास और प्रजनन। जब हमारे हार्मोन संतुलित होते हैं तो हम स्वस्थ और खुश महसूस करते हैं। हालाँकि, जब हमारे हार्मोन असंतुलित होते हैं, तो हमारे शरीर में कई तरह के लक्षण नज़र आ सकते है जैसे थकान, मूड में बदलाव, वजन बढ़ना, मुँहासे, अनियमित पीरियड्स, बांझपन आदि इसके अलावा और भी बहुत से लक्षण नज़र आ सकते है।
इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताएँगे की कौन से ऐसे योग है जो हार्मोन असंतुलन को संतुलित करने में मदद करते है हम यकीन से कहते है की अगर आप 1-2 महीने तक ये योग करते है तो 100% आपका हार्मोन संतुलित हो जाएगा इसके साथ की कई और बीमारियाँ भी खत्म हो जाएंगी।
सबसे पहले हम आपको बाएंगे की हार्मोन असंतुलन के क्या कारण हो सकते है
हार्मोन असंतुलन कई कारण हो सकता है, जैसे
- अत्यधिक तनाव के कारण
- उम्र बढ़ना पर
- आहार व गलत खान पान
- जीवनशैली में किसी तरह का बदलाव
- पर्यावरणीय विषाक्त पदार्थ के कारण
- कुछ दवाएं लेने के कारण
- चिकित्सा स्थितियां
- ट्यूमर के कारण
- किसी बीमारी के कारण या बीमारी से उभरने के बाद
योग एक प्राचीन अभ्यास है जो शरीर, मन और आत्मा में सामंजस्य स्थापित करने के लिए शारीरिक मुद्रा, श्वास व्यायाम और ध्यान को जोड़ता है। योग अंतःस्रावी ग्रंथियों को उत्तेजित करके, रक्त परिसंचरण में सुधार, तनाव को कम करने, शरीर को विषहरण करने और कल्याण को बढ़ाकर हार्मोन को संतुलित करने में मदद कर सकता है।
हार्मोन असंतुलन को संतुलित करने के लिए योग
कुछ हार्मोनल असंतुलन के लिए आपको चिकित्सा उपचार की आवश्यकता हो सकती है, परंतु जादातर हार्मोन असंतुलन को योग जैसे प्राकृतिक तरीकों से संतुलित किया जा सकता है। 10 ऐसे योग जो 100% हार्मोन असंतुलन को ठीक कर सकते है।
1 कपालभाती प्राणायाम
हार्मोन असंतुलन को ठीक करने के लिए कपालभाती प्राणायाम सबसे प्रभावी योगासनो में से एक है। प्रतिदिन सुबह खाली पेट 15 मिनट से लेकर आधे घंटे कपालभाती प्राणायाम करें। यह सबसे आसान और सबसे प्रभावी योगासन है जो कोई भी कर सकता है। अगर आप प्रतिदिन 30 मिनट कपालभाती करते है तो कुछ ही दिनो में हार्मोन असंतुलन की समस्या ठीक हो जाएगी।
कपालभाती करने का तरीका
- सबसे पहले सुखासन में बैठिए
- अपने दोनों हाथों को घुटनो पर रखिए
- कमर व रीड की हड्डी को सीधा रखकर बैठिए
- पेट को अंदर की ओर ले जाते हुये सांस को बाहर छोड़िए
- इसको आप अपनी क्षमता के अनुसार आराम से, मध्यम गति या फिर तेज़ गति से कर सकते है।
2 अनुलोम विलोम प्राणायाम
हार्मोन असंतुलन को संतुलित करने के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम भी काफी लाभकारी योगासन है। योगी लोग इससे नाड़ी शोधक प्राणायाम भी कहते है। इससे करने से मन व शरीर को आराम मिलता है इससे शरीर में अच्छे से ओक्सीडेशन होता है जिससे हार्मोन संतुलित होता है। प्रतिदिन सुबह 10 से 15 मिनट अनुलोम विलोम प्राणायाम जरूर करें।
अनुलोम विलोम करने की विधि
- आई सबसे पहले सुखासन में बैठिए
- कमर और रीड की हड्डी को सीधा रखकर बैठिए
- बाएँ नाक के छिद्र से सांस लेकर दाए नाक के छिद्र से छोड़िए
- फिर दाय नाक के छिद्र से सांस लेकर बाए नाक के छिद्र से छोड़िए
- इससे इसी तरह बार बार 10 से 15 मिनट तक दोहराते रहिए
3 शीर्षासन
हार्मोन असंतुलन के लिए शीर्षासन भी बेहद फायदेमंद योगासन है सुबह खाली पेट 5 से 10 मिनट शीर्षासन करें। जिन लोगो को उच्च रक्तचाप व हृदय से संबन्धित कोई भी समस्या है उन लोगो को शीर्षासन नहीं करना चाहिए। खासकर जिन महिलाओं को हार्मोन असंतुलन की समस्या है उनके लिए यह आसान काफी फायदेमंद है। पीरियड के 5-6 दिन छोड़ कर प्रतिदिन इस योगासन को कर सकते है।
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शीर्षासन करने के विधि
- जमीन पर घुटनो के बल बैठिए
- सिर को जमीन पर रखिए और सिर और हाथ के बल पर पैरो को उपर की ओर ले जाइए
- अगर संतुलन बनाने में समस्या हो रही है तो दीवार के सहर भी कर सकते है
- जिन लोगो को कमर या गर्दन में कोई समस्या है वो लोग इस आसान को न करें
4 सर्वांगासन
सर्वांगासन भी हार्मोन असंतुलन को संतुलित करने के लिए बेहद फायदेमंद योगासन है। इस योगासन को प्रतिदीन सुबह खाली पेट 5 से 10 मिनट के लिए करें। इस योगासन को करने से कंधे मजबूत होते है। जिनको उच्च रक्त चाप या हृदय से संबन्धित समस्या है वो ये आसान न करें।
सर्वांगासन करने की विधि
- जमीन पर पीठ के बल सीधा लेट जाइए
- धीरे-धीरे अपने पैर, कूल्हे व कमर को ऊपर की ओर उठाए
- उपर उठाते हुये सारा भार आपके कंधो पर होना चाहिए
- अपने दोनों हाथो की सहायता पीठ को सीधा रखते हुए संतुलन बनाए।
5 शलभासन:
हार्मोन असंतुलन को संतुलित करने के लिए शलभासन योग भी बेहद फायदेमंद योगासन है यह मुद्रा पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत करने, पेट के अंगों को टोन करने में मदद करती है। अधिवृक्क ग्रंथियां कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन का उत्पादन करती हैं, जो तनाव और सूजन में को कम करने मे मदद करती है। इस योग को प्रतिदिन 2 से 3 मिनट करें।
शलभासन करने की विधि
- अपने पेट के बल लेट जाएं और अपने हाथो को बगल में रखें और अपना माथा फर्श पर रखें।
- सांस छोड़ें और अपने पेट, श्रोणि और निचली छाती पर संतुलन बनाते हुए अपने सिर, कंधों, बाहों, धड़ और पैरों को फर्श से ऊपर उठाएं।
- अपने हाथो को फर्श के बराबर रखें और आगे की ओर देखें।
- 10 सेकंड तक रुकें और फिर धीरे-धीरे खुद को नीचे लाएं।
6 भुजंगासन
हार्मोन असंतुलन को संतुलित करने के लिए भुजंगासन बेहद लाभकारी योग है। इस आसान को आसानी से किया जा सकता है। यह मुद्रा अंडाशय और थायरॉयड ग्रंथि को उत्तेजित करने में मदद करती है, जो एस्ट्रोजन और थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है। एस्ट्रोजन महिला प्रजनन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है और थायराइड हार्मोन मेटाबोलिज़म और ऊर्जा स्तर को नियंत्रित करते हैं।
भुजंगासन करने की विधि:
- अपने पेट के बल लेट जाएं
- अपनी हथेलियों को अपने कंधों के नीचे और अपने पैरों को एक साथ रखें।
- अपनी हथेलियों को फर्श पर दबाएं और अपनी कोहनियों को अपने शरीर के करीब रखते हुए अपने धड़ को ऊपर उठाएं।
- अपने कंधों को आराम दें और आगे देखें।
- कुछ सेकंड के लिए रुकें और फिर धीरे-धीरे खुद को नीचे लाएँ।
7 हलासन
हलासन योग भी हार्मोन को संतुलित करने के लिए बेहद फायदेमंद योगासन है इस योग को प्रतिदिन 2 से 3 मिनट करे। इस योगासन को करने से शरीर में लचकता आती है साथ ही तनाव कम होता है पेट से जुड़ी समस्या ठीक होती है
हलासन करने की विधि
- पीठ की बल सीधा एलईटी जाए
- अपने हाथो की आगे की ओर सीधा रखे और और एक सांस भरे
- अपने पैरो को उपर की ओर उठाते हुए सिर के पास ले आए
- टाँगो को पीछे सीधा रखे।
8 योगमुद्रासन
हार्मोन को संतुलित करने के लिए योगमुद्रासन बेहद फायदेमंद आसान है इसके नियमित अभ्यास से कुछ ही दिनो में असंतुलित हुआ हार्मोन संतुलित हो जाता है। ये थ्यरोइड ग्लैंड पर दबाव डालता है जो थ्यरोइड हार्मोन के उत्पादन को नियंत्रित करता है जो शरीर में हार्मोन असंतुलन को संतुलित करता है। इसके नियमित अभ्यास से तनाव कम होता है और पाचन स्वस्थ होता है।
योगमुद्रासन करने की विधि
- सबसे पहले पद्मासन में बैठ जाइए
- दाए हाथ की मूठी बनाकर बाएँ हाथ को उसके उपर रख लें
- पेट को अंदर करते हुए हाथ को पेट पर रखे
- गहरी सांस भरे और सांस को छोड़ते हुए आगे की ओर झुक जाए
- 2 से 5 मिनट रोज़ इस अभ्यास को करें
9 मत्स्यासन
मत्स्यासन हार्मोन असंतुलन को संतुलित करने में बेहद लाभकारी योगासन है इसके नियमित अभ्यास से थ्यरोइड ग्लैंड, पिट्यूटरी ग्रंथि, अधिवृक्क ग्रंथि, गला चक्र पर प्रभाव पड़ता है इससे ये सभी ग्रंथियां नियंत्रित होती है जो शरीर में हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है।
मत्स्यासन करने की विधि
- सबसे पहले पद्मासन में बैठे
- पद्मासन में बैठे हुए अपने सिर को पीछे की तरफ ले जाइए
- पीछे की तरफ ले जाते हुए सिर को ज़मीन पर रख दें
- इस योग को 2 से 5 मिनट रोज़ करें
10 सेतु बंध सर्वांगासन:
यह पोज़ थायरॉयड और पैराथायराइड ग्रंथियों के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करता है, जो गर्दन क्षेत्र में स्थित हैं। थायरॉयड ग्रंथि थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है जो मेटाबोलिज़म और ऊर्जा के स्तर को नियंत्रित करती है। पैराथाइरॉइड ग्रंथियां पैराथाइरॉइड हार्मोन का उत्पादन करती हैं जो रक्त और हड्डियों में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करता है।
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सेतु बंध सर्वांगासन करने की विधि
- अपने पैरों को कूल्हे-दूरी पर रखकर और अपने घुटनों को मोड़कर अपनी पीठ के बल लेटें।
- सांस लें और अपने पैरों को फर्श पर दबाएं और अपने कंधों को फर्श पर रखते हुए अपने कूल्हों को छत तक उठाएं।
- अधिक समर्थन के लिए आप अपनी उंगलियों को अपनी पीठ के नीचे फंसा सकते हैं।
- 10 सेकंड तक रुकें और फिर धीरे-धीरे खुद को नीचे लाएं।