Food poisoning – फूड पॉइजनिंग एक आम सी समस्या है इसका कारण है जब कभी खराब या कंटामिनेटेड खाना खाया जाता है तब फूड पॉइजनिंग होती है, जिससे कई बीमारियां भी हो जाती है। यह समस्या समान्य से लेकर काफी गंभीर भी हो सकती है फूड पॉइजनिंग होने के बहुत से कारण हो सकते हैं, आगे आपको फूड पॉइजनिंग होने के कारण के बारे में बताएंगे और साथ ही इस दौरान आपको क्या खाना चाहिए क्या नहीं और किस तरह इसका इलाज़ किया जा सकता है इसकी संपूर्ण जानकारी देंगे।
फूड पॉइजनिंग होने का कारण (Reason Of Food Poisoning)
1 बैक्टिरियल इंफेक्शन (Bacterial Infection)
साल्मोनेला, एस्चेरिचिया कोली या (ई. कोली), कैम्पिलोबैक्टर और लिस्टेरिया मोनोसाइटोजेन्स जैसे बैक्टीरिया फूड पॉइजनिंग के बैक्टीरिया होते है। ये बैक्टीरिया खाना बनाने, बिना ढके रखने या किसी बाहरी कारण के वजह से खाने को जहरीला कर देते हैं, और इसे खाने पर आपको उल्टी, दस्त और बुखार जैसे लक्षण पैदा हो सकते है।
2 वायरल इंफेक्शन (Viral Infection)
नोरोवायरस, हेपेटाइटिस ए और रोटावायरस जैसे वायरस भी खाने को जहरीला बना देते हैं, इनसे भी अगर फूड पॉइजनिंग हो तो भी उल्टी, दस्त, पेट दर्द और बुखार जैसे लक्षण होते हैं।
3 पैरासिटिक इंफेक्शन ( Parasitic Infection)
जिआर्डिया, क्रिप्टोस्पोरिडियम और टोक्सोप्लाज्मा गोंडी जैसे जहरीले पदार्थ भी खाने को जहरीला बना देते हैं और बीमारी का कारण बन जाते हैं। ये पैरासाइट्स पानी या कच्चे मांस, समुद्री खाने में मौजूद होते हैं।
4 टॉक्सिन संक्रमण (Toxin Contaminants)
कुछ बैक्टीरिया, जैसे स्टैफिलोकोकस ऑरियस और क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम, जहर बनाते हैं जो खाने को भी जहरिला करते हैं फूड पॉइजनिंग आम तौर पर तब होती है जब खाने को अच्छी तरह नही संभाला जाता और कमरे के तापमान पर रखा जाता है, कई बार यह गंदे बंद डिब्बों में मौजूद टॉक्सिंस से भी हो जाता है ।
5 केमिकल (Chemical contaminants)
कीटनाशक, कुछ पौधों से निकलने वाले जहरीले पदार्थ खाने को जहरीला कर देते हैं और फूड पोइजनिंग पैदा करते हैं। खेत में कई तरह के केमिकल डालने से फसल जहरीली हो जाती है और इसे खाने से फूड पॉइजनिंग हो सकती है।
फूड पॉइजनिंग के लक्षण (Symptoms Of Food Poisoning)
- मतली यानी पेट में बेचैनी या बेचैनी का अहसास, अक्सर उल्टी की इच्छा होना।
- उल्टी आना फूड पॉइजनिंग का सबसे बड़ा लक्षण है जो खराब खाना खाने के तुरंत बाद भी हो सकता है या कुछ घंटों बाद भी हो सकता है।
- बार-बार, पानी जैसा मल आना, जिसके साथ पेट में ऐंठन और सूजन होने लगती है।
- पेट में बेचैनी, और साथ ही पेट में दर्द फैलने लग जाना भी फूड पॉइजनिंग के दौरान होता है।
- फूड पॉइजनिंग के दौरान कई बार व्यक्ति की हालत बिस्तर से उठने लायक भी नहीं रहती इसमें तेज बुखार भी आ सकता है।
- थकावट या कमजोरी आना, या किसी तरह खड़ा रहने का मन न करना।
- मांसपेशियों में दर्द या बेचैनी, असंतुलन या शरीर का ढीला पड़ जाना और रंग एक दम सफेद सा हो जाना।
- सिर में लगातार धक धक धड़कता हुआ दर्द, होना भी फूड पॉइजनिंग का एक लक्षण है।
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फूड पॉइजनिंग का इलाज (Treatment Of Food poisoning)
1 आराम (Rest)
आराम करने और मेहनत वाला काम करने से बचने से एनर्जी या ताकत बचाने से शरीर के रोग निरोधक क्षमता को सहायता मिलती है। इसके साथ ही आए करने से थकावट और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षणों को कम करने में भी मदद मिलती है।
2 अलग प्रकार का खाना (eat different type of food)
फूड पॉइजनिंग के मामलों में, धीरे-धीरे चावल, केले, सेब की चटनी और टोस्ट जैसे नरम, आसानी से पचने वाले खाने को शुरू करने से पेट के खोए हुए पोषक तत्वों को फिर से भरने में मदद मिलती है। मसालेदार, या भारी सीज़न वाले खाने, और साथ ही डेयरी प्रोडक्ट्स और कैफीन से परहेज करने से जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है।
3 दवाएं (Medicine)
फूड पोजियंग की सीरियसनेस को देखते हुए और इसके लक्षणों को कम करने के लिए ओवर-द-काउंटर दवाएं जैसे एंटीमेटिक्स (मतली और उल्टी को कंट्रोल करने के लिए) और एंटीडायरियल एजेंट (दस्त को कम करने के लिए) का उपयोग किया जा सकता है। हालाँकि, कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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4 इंफेक्शन को फैलने से रोकना अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं, दूसरों के लिए भोजन तैयार करने से बचें, और खाने को जहरीला होने के जोखिम को कम करने के लिए बर्तनों को अच्छी तरह से धो कर रखें।