पैर की नसें ब्लड वेस्ल्स होती है जो खून को निचले अंगों से हृदय तक ले जाती हैं। कभी-कभी, ये नसें विभिन्न कारकों के कारण बंद या संकुचित हो सकती हैं, इसके पीछे बहुत से कारण हो सकते है जैसे उम्र बढ़ना, मोटापा, गर्भावस्था, चोट, या लंबे समय तक बैठे या खड़े रहना। बंद नसों के कारण पैरों में दर्द, सूजन, भारीपन, ऐंठन, खुजली या त्वचा में बदलाव जैसे लक्षण हो सकते हैं। कुछ मामलों में, पैर की नसें कुछ घटनाओ के कारण ब्लॉक या बंद हो जाती है, जैसे रक्त के थक्के, अल्सर या संक्रमण।
आयुर्वेद चिकित्सा की एक प्राचीन प्रणाली है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी। यह तीन दोषों (वात, पित्त और कफ) को संतुलित करने के सिद्धांत पर आधारित है, जो शरीर और दिमाग को नियंत्रित करने वाली महत्वपूर्ण ऊर्जा हैं। आयुर्वेद के अनुसार, पैर की नसें बंद होना मुख्य रूप से वात दोष के असंतुलन के कारण होता है, जो गति और परिसंचरण के लिए जिम्मेदार है। इसलिए, पैरों की अवरुद्ध या बंद नसों के लिए आयुर्वेदिक उपचार का उद्देश्य वात दोष के सामंजस्य को बहाल करना और पैरों में रक्त के प्रवाह में सुधार करना है।
पैर की बंद नसों को खोलने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपचार
1 आहार:
आयुर्वेद उन खाद्य पदार्थों से परहेज करने की सलाह देता है जो वात दोष को बढ़ाते हैं, जैसे कड़वे, तीखे और कसैले खाद्य पदार्थ। इनमें पत्तेदार साग, बैंगन, करेला, मिर्च, शलजम, मूली, फलियां, अनाज और कुछ फल शामिल हैं। अगर आपको यह समस्या है तो इसके बजाय, आपको ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो वात दोष को शांत करते हैं, जैसे मीठा, खट्टा और नमकीन खाद्य पदार्थ। इनमें दूध, मक्खन, पनीर, दही, शहद, खजूर, अंजीर, केला, अंगूर, संतरा, गाजर, चुकंदर, आलू, चावल, गेहूं और नमक शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, खूब पानी पीना चाहिए और शराब और कैफीन से बचना चाहिए।
2 आयुर्वेदिक दवाएं:
आयुर्वेद विभिन्न तरह की प्राकृतिक हर्बल दवाओं का सुझाव देता है जो पैर की बंद नसों को खोलने और जलन और सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं। इनमें से कुछ हैं त्रिफला (तीन फलों का मिश्रण), गुग्गुलु (एक रालयुक्त गोंद), गोटू कोला (एक जड़ी बूटी), अर्जुन (एक छाल), अश्वगंधा (एक जड़), शिलाजीत (एक खनिज), और सारिवा (एक बेल) ). इन दवाओं को टैबलेट, कैप्सूल, पाउडर, काढ़े या तेल के रूप में लिया जा सकता है। हालाँकि, कोई भी दवा लेने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
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3 अभ्यंग:
अभ्यंग एक प्रकार की आयुर्वेदिक मालिश है जिसमें पूरे शरीर पर जड़ी-बूटियों से युक्त गर्म तेल को लगाया जाता है। यह पैरो की बंद नसों को संतुलित करने और रक्त परिसंचरण और लसीका जल निकासी में सुधार करने में मदद करता है। यह मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को भी आराम देता है और पैरों में दर्द और जकड़न से राहत देता है। अभ्यंग स्वयं या किसी प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा किया जा सकता है। अभ्यंग के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला तेल तिल का तेल, नारियल का तेल, सरसों का तेल, या अदरक, लहसुन, दालचीनी या लौंग, हल्दी जैसी जड़ी-बूटियों के साथ जैतून का तेल हो सकता है।
4 जोंक थेरेपी:
जोंक थेरेपी एक ऐसी तकनीक है जो प्रभावित क्षेत्र से अशुद्ध रक्त को चूसने के लिए जोंक का उपयोग करती है। यह पैर की नसों में जमाव और दबाव को कम करने और रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है। यह जोंक की लार से प्राकृतिक एंटीकोआगुलंट और जीवाणुरोधी पदार्थ जारी करके रक्त के थक्कों और संक्रमण को भी रोकता है। जोंक थेरेपी एक योग्य चिकित्सक की निगरानी में किया जाना जरूरी है।
5 एनीमा थेरेपी:
एनीमा थेरेपी एक ऐसी विधि है जिसमें मलाशय के माध्यम से औषधीय तरल पदार्थ को डाला जाता है। यह बृहदान्त्र को साफ़ करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है। यह पाचन अग्नि को भी उत्तेजित करता है और मल त्याग को नियंत्रित करता है। एनीमा थेरेपी पानी, तेल, दूध, शहद, या रोगी की स्थिति के आधार पर हर्बल काढ़े से की जा सकती है।
6 स्टीम थेरेपी
स्टीम थेरेपी काफी असरदार उपाय है इसमे पैरो को गरम पानी से भाप दें इससे जल्द ही बंद नसे खुल जाएंगी इसके अलावा आप बंद नसों को खोलने के लिए गरम पानी में नमक डाल कर उसमे थोड़े समय के लिए पैरो को डुबो कर रखे। इससे बंद नसे तो खुलेंगी ही साथ ही ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होगा और शरीर व मन को आराम मिलेगा।
यदि किसी अनुभवी चिकित्सक के मार्गदर्शन में किया जाए तो पैरों की बंद नसों के लिए आयुर्वेदिक उपचार प्रभावी और सुरक्षित हो सकता है। इसे योग जैसी अन्य पद्धतियों के साथ भी जोड़ा जा सकता है।
किसी भी उपचार को शुरू करने से पहले हमेशा डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और खुराक के संबंध में उनकी सलाह का पालन करना चाहिए।
बंद नसों को खोलने के लिए योग
1 गहरी साँस लेना और योग:
सांस संबन्धित योग करना बंद नसों को खोलने का काफी असरदार उपाय है सांस संबंधी योग में गहरी सांस लेने वाले योग जैसे कपालभाती, अनुलोम-विलोम प्राणायाम योग शामिल है प्रतिदिन ये योग करने से रक्त संचार बेहतर होता है जिससे बंद हो गई नसो में आराम मिलता है।
2 ताड़ासन
बंद नसों को खोलने के लिए ताड़ासन काफी फायदेमंद योग है इसमे एक जगह सीधे खड़े रहना पड़ता है जिससे पैरो में रक्त संचार बेहतर होता हो जिससे बंद नसे खुल जाती है।
3 वृक्षासन
यह योग में सीधे कड़े हो कर किया जाता है इसमे एक स्थान पर सीधे खड़े हो कर दाए पैर को उठाकर बाए जांघ पर रखे। थोड़े समय के लिए इसी अवस्था में रहे अगर आप प्रतिदिन इस आसान को करते है तो जल्द ही पैरो की बंद नसे खुल जाएंगी।
4 पादहस्तासन
बंद नसों को खोलने के लिए पादहस्तासन काफी फायदेमंद योग है। इस योग को करने के लिए सीधे खड़े हो जाए और अपने हाथो को बिना घुटने मोड़े पैरो को छूने की कोशिश करे इससे पैरो में खिचाव पड़ता है जिससे पैरो में रक्त संचार बढ़ता है जिससे बंद नसे खुल जाती है।
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अगर आप प्रतिदिन ये योग व आयुर्वेदिक उपचार को करते है तो इससे कुछ ही दिनो में बंद नसों की समस्या खत्म हो जाएगी साथ ही इन उपायो से आपका स्वास्थय भी अच्छा रहेगा।