नाभि खिसकना कोई गंभीर समस्या नहीं है यह आम सी बात है जो कभी भी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है नाभि खिसकने के कई कारण हो सकते है यह आमतौर पर भारी वजन व पेट पर जोर पड़ने के कारण होता है नाभि खिसकना एक ऐसी स्थिति है जिसमे नाभि (बेली बटन) अपनी पोजीशन से दूसरी ओर या बाहर की ओर हट जाती है। इसके कारण शरीर के ऊपरी और निचले पार्ट्स के बीच असंतुलन हो जाता है जिससे शरीर में कुछ समस्याएं पैदा हो सकती हैं। आपकी नाभि खिसकी है या नही यह जानने के बहुत से तरीके होते है इसके अलावा जब आपकी नाभी खिसकी हो तब यह सब लक्षण हो सकते है।
नाभि खिसकने का कारण
नाभि खिसकने के कई कारण हो सकते हैं.
1 शरीर में बदलाव:
नाभि खिसकने का मुख्य कारण शारीरिक बदलाव हो सकता है, जैसे कि गर्भावस्था के दौरान गर्भ बढ्ने के कारण नाभि पर दबाव पड़ता है, एक दम से वजन कम या ज्यादा होना, शरीर में लचकता या शरीर के आकार में वृद्धि के कारण हो सकता है।
2 गलत पोस्चर:
गलत पोस्चर रखने से भी नाभि खिसक सकती है। अगर आप बार-बार आगे झुकते हैं या आपकी पीठ में कोई समस्या हो, तो नाभि अपनी सही स्थिति से हट सकती है।
3 बाहरी ट्रैमा:
जब नाभि वाले क्षेत्र पर सीधे या अनुचित तरीके से ट्रैमा पहुंचता है जैसे की अगर आपको पेट में चोट लगती है या कभी लगी है या किसी दुर्घटना के कारण पेट में तकलीफ होती है, तो इससे भी नाभि खिसक सकती है।
4 भारी वजन उठाना:
यदि आप एक दम से भारी वजन उठाते है यानि जब आप किसी भरी वस्तु को ज़मीन से उपर की ओर उठाते है बिना किसी की सहायता से उस वक्त आपके पेट पर काफी दबाव पड़ता जिससे नाभी खिसकने की समस्या हो सकती है, भारी वजन उठाने से आपकी नाभि की स्तिथि खराब हो जाती है और वह अपनी पोजीशन से हट जाता है।
5 उछल कूद करना:
ऐसे बहुत से खेल होते है जिनके उछल कूद करना पड़ता है यदि आपका शरीर गर्म (warm up) नहीं है उस समय अगर आप अचानक से अधिक उछल कूद करते है तो आपके पेट पर स्ट्रेच पड़ सकता है जिससे आपकी नाभि खिसक सकती है।
6 मांसपेशियों का कमजोर होना:
मांसपेशियों का कमजोर होना नाभि के खिसकने का एक मुख्य कारण हो सकता है। यह कमजोरी अकारणिक रूप से हो सकती है या यह बाहरी ट्रैमा, वयस्कता आदि के कारण हो सकती है।
7 आनुवंशिकता:
आनुवंशिकता भी नाभि खिसकने का बड़ा कारण हो सकता है यानि अगर आपके परिवार या घर वालो को इस तरह की कोई समस्या है या थी तो आपको भी यह होने की संभावना हो सकती है।
अन्य समस्याएं: कई बार नाभि का खिसकना बीमारी के कारण हो सकता है, जैसे कि पेट के अंदर किसी अंग की मूड़ना या सूजन।
नाभि खिसकने के लक्षण
1 भूख न लगना:
नाभि खिसकने का सबसे बड़ा लक्षण भूख न लगना है। जब भी नाभि किसकती है तो भून न लगना ही सबसे पहला लक्षण सामने आता है, क्योंकि हमारी नाभी पेट से जुड़ी सभी समस्याओं का केंद्र होता है, जब नाभी खिसक जाती है तब धीरे धीरे भूख लगना बंद हो जाता है।
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2 पाचन संक्रामण:
नाभि खिसकने के कारण पाचन संक्रामण हो सकता है। जिससे परिणामस्वरूप आपको पेट में गैस, पेट में सूजन, अपच और पाचन संबंधी समस्याए हो सकती है।
3 बेहोशी की अवस्था:
हालांकि इसकी बहुत कम संभावना है परंतु कई बार नाभि खिसकने से व्यक्ति को चक्कर आने लगते है नाभि खिसकने के कारण व्यक्ति कमजोर महसूस करने लगता है और अचानक से खड़े होने पर बेहोश हो सकता है।
4 भोजन का न पचना:
नाभि खिसकने से पाचन खराब हो जाता है, जिसके कारण सही से खाना पचता नहीं है और खाना पचेगा नहीं तो शरीर को लगेगा नहीं जिससे इंसान कमजोर होने लगता है। इसके अलावा आपको पेट में एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
5 पेट का कमजोर होना:
नाभि खिसकने के कारण पेट अस्वस्थ और कमजोर हो जाता है जिससे कई समस्य हो सकती है जैसे दस्त, उलटी, एलर्जी, जी मिचलाना, हमेशा बेचैनी महसूस करना, या पेट में सूजन जैसी समस्या शामिल हो सकती हैं।
6 दर्द या असहजता:
नाभि खिसकने के परिणामस्वरूप आपको पेट के क्षेत्र में दर्द या असजता महसूस हो सकती है, यह दर्द अचानक या बीच में कभी भी हो सकता है। नाभि वाले क्षेत्र में आपको जकड़न जैसे महसूस हो सकता है।
नाभि खिसकने का घरेलू इलाज
1 गर्म तेल की मालिश:
नाभि को सामान्य अवस्था में लाने के लिए, आप नाभि के आसपास गरम तैल (जैसे कि सरसों का तेल या जैतून का तेल) लगाकर मालिश कर सकते हैं. इससे नाभि बाहर की ओर खिसकने से रोकी जा सकती है।
2 उठते हुए बैठने का आदत बनाएं:
अगर आप उठते हुए बैठते हैं, तो यह आपके नाभि को सही स्थान पर रखने में मदद कर सकता है. ध्यान दें कि यह आदत बनाने के लिए समय लग सकता है, लेकिन इससे नाभि खिसकने की समस्या में सुधार हो सकता है.
3 पोस्चर का ध्यान रखें:
सही पोस्चर रखना भी नाभि को सही स्थान पर रखने में मदद कर सकता है. सीधे खड़े होने और अच्छी पोस्चर बनाए रखने के लिए अपनी पीठ, कंधे और पेट का ध्यान रखें।
दिया और पीतल के लोटे से:
यह सबसे असरदार व सरल उपाय है जो की कोई भी कर सकता है इस प्रक्रिया को करने से जल्द ही समस्या से निजाद मिल जाएगा। इस प्रक्रिया को करने के लिए शरीर को ढीला करके सीधा जमीन पर लेट जाए उसके बाद अपनी नाभी के ऊपर एक दिया जलाए उसके बाद 1 मिनट तक दिया को जलने दे फिर ताबे के लोटे को दिए के ऊपर रख दे और छोड दे इसके बाद दिया बूझ जाएगा और एक वैक्यूम बना देगा और लोटा पेट पर चिपक जाएगा, कुछ समय बाद अपने आप लोटा पेट से छूट जाएगा ऐसा दो दिन करे और आपकी नाभी सही स्थान पर आ जाएगी।
योग:
योगाभ्यास करने से नाभि को मजबूत बनाए रखने में मदद मिल सकती है। ऐसे बहुत से आसन है जिन्हे करने से बिना किसी दवा के नाभी को ठीक किया जा सकता है जैसे धनुरासन
धनुरासन करने की विधि
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