दूध एक आम पेय पदार्थ है जिसका सेवन कई लोग रोजाना करते हैं। दूध अपने आप में एक सम्पूर्ण आहार है इसमे सभी पोषक तत्व मौजूद है इसे अक्सर कैल्शियम, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों का एक स्वस्थ स्रोत माना जाता है। इसका प्रतिदिन सेवन करना शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है। बहुत से लोगो को दूध पीना काफी पसंद होता है परंतु बहुत से ऐसे लोग भी है जिनहे दूध पीना बिलकुल भी पसंद नहीं है और कुछ ऐसे लोग है जो दूध तो पीते है परंतु उनको दूध नहीं पीना चाहिए क्योंकि दूध हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है
इस पोस्ट के मधायम से हम आपको बताना चाहते है कि किन 12 लोगो को दूध का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि अगर आपको नीचे दिये गए में से कोई भी समस्या है तो यह आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है। यहां कुछ ऐसे लोगों के समूह हैं जिन्हें दूध नहीं पीना चाहिए, और कुछ विकल्प हैं जिन्हें वे आज़मा सकते हैं।
किन लोगो को दूध का सेवन नहीं करना चाहिए? Who should not drink milk?
यहां 12 ऐसे लोगों के समूह के बारे में बताया गया है जिन्हें दूध नहीं पीना चाहिए, और कुछ विकल्प हैं जिन्हें वे आज़मा सकते हैं।
1 एलर्जी वाले लोग: (dairy allergy)
लैक्टोज असहिष्णुता (lactose intolerance) या डेयरी एलर्जी वाले लोग। लैक्टोज असहिष्णुता (lactose intolerance) एक ऐसी स्थिति है जहां शरीर दूध में पाई जाने वाली चीनी लैक्टोज को पचा नहीं पाता है। इससे गैस, सूजन, दस्त और पेट दर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं। डेयरी एलर्जी दूध में कैसिइन और मट्ठा जैसे प्रोटीन के प्रति एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया है। इससे पित्ती, सूजन, खुजली, घरघराहट और एनाफिलेक्सिस जैसे लक्षण हो सकते हैं। लैक्टोज असहिष्णुता या डेयरी एलर्जी वाले लोगों को दूध और अन्य डेयरी उत्पादों से बचना चाहिए। वे लैक्टोज मुक्त या डेयरी मुक्त विकल्प चुन सकते हैं, जैसे सोया दूध, बादाम दूध, जई का दूध, चावल का दूध, या नारियल का दूध।
2 पीलिया (jaundice)
जिन लोगो को पीलिया (Jaundice) की समस्या है उन लोगो को भी दूध का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि पीलिया एक लिवर की समस्या है जिसमे बिलिरूबिन (bilirubin) नामक पिग्मेंट का लेवेल बढ़ जाता है जिससे आँखें व त्वचा का रंग पीला होने लगता है और ऐसे में अगर आप दूध या किसी भी डेयरी प्रॉडक्ट का सेवन करते है तो ये आपके लिवर की कार्य क्षमता पर बुरा प्रभाव डालता है क्योंकि दूध या किसी भी डेयरी प्रॉडक्ट में फैट (fat) और प्रोटीन (protein) की मात्रा काफी होती है। जो लिवर की स्थिति को और भी जादा खराब कर सकता है।
3 पेट खराब (loose motion)
पेट खराब होने पर भी आपको दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि आपको पेट से संबन्धित कोई भी समस्या है जैसे गैस, पेट खराब, बदहज़मी या फिर लुज़ मोशन की समस्या है तो आपको दूध का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि दूध की तासीर गरम होती है और अगर आप ऐसे में दूध का सेवन करते है तो यह आपकी समस्या को और भी जादा बढ़ा सकता है।
4 अस्थमा (asthma)
अस्थमा के मरीज़ो को भी दूध का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि अस्थमा एक ऐसे बीमारी है जिसमे सांस लेने के रास्ते सूखने लगते है जिससे सांस लेने में समस्या होने लगती है अस्थमा के मरीज़ो को बहुत से ऐसी चिजे है जिनसे बचना जरूरी होता है उन्ही में से एक है दूध क्योंकि दूध का सेवन आपके श्वसन तंत्र को प्रभावित कर सकता है। जो आपके अस्थमा की समस्या को और भी जादा बढ़ा सकता है।
5 फैटी लिवर (fatty liver)
जिन लोगो को फैटी लिवर की समस्या है उनको दूध का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। फैटी लिवर एक समस्या है जिसमे आपके लिवर में फैट बढ्ने लगता है जिससे लिवर की कार्य क्षमता प्रभावित होती है। फैटी लिवर की समस्या से ग्रसित लोगो को दूध या कोई भी डेयरी प्रॉडक्ट का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि दूध में काफी मात्रा में फैट और प्रोटीन होता है जो लिवर को प्रभावित कर सकता है साथ ही दूध का सेवन इंसुलिन लेवल को बढ़ा सकता है जो आपके लिवर की कंडिशन को और भी जादा खराब कर सकता है।
6 कैंसर (cancer)
कुछ कैंसर के मरीजो को दूध का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि यह आपकी समस्या को और भी जादा बढ़ा सकता है। कैंसर के इलाज़ के दौरान मरीज का पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है जिससे दूध को पचाने में परेशानी हो सकती है। कुछ कैंसर टाइप जैसे की ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर जो की हार्मोन्स बदलने के कारण बढ़ता है। कुछ डेयरी प्रॉडक्ट में हार्मोन्स होते है जो कैंसर सेल्स विकास में मदद कर सकते है।
7 मोटापे के मरीज (obesity)
जो लोग मोटापे के शिकार है उन लोगो को भी दूध का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि आप मोटापे के शिकार है और आपका लक्ष्य वजन कम करना है और वजन कम करने के लिए आपको केलोरीज़ को कम करना पड़ता है, और क्योंकि दूध में केलोरीज़ आर फैट की मात्रा काफी अच्छी होती है तो यह वजन कम करने की वजन आपके वजन को बढ़ाएगा इसलिए जब तक आपका वजन कम नहीं होता तब तक आप दूध का सेवन बिलकुल भी न करे।
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8 एसिडिटी की समस्या (acidity)
जिन लोगो को जादा एकिडीटी की समस्या रहती है उन्हे दूध का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए इसका कारण है की दूध की तासीर गरम होती है और अगर आप इसका सेवन करते है तो ये आपके एसिडिटी की समस्या को और भी जादा बढ़ा सकता है जिससे पेट में गैस, पेट खराब, खट्टी ढकार और अन्य पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। जादा एसिडिटि की समस्या उन लोगो को होती है जिनकी पित प्रकृति है इसलिए अगर आपकी पित प्रकृति है और शरीर में एसिड जादा बनता है तो दूध के सेवन में सावधानी बरतें।
9 त्वचा से संबन्धित समस्या (skin problem)
जिन लोगो को त्वचा से संबन्धित समस्या है जैसे एकने, एक्ज़ेमा, सोरायसीस, रोज़ेशिया की समस्या है तो उन लोगो को भी दूध के सेवन के प्रति सावधानी बरतनी जरूरी है खास कर उन लोगो को जिन्हे दूध या डेयरी प्रॉडक्ट से एलेर्जी है क्योंकि ऐसे लोग दूध का सेवन करते है तो यह आपकी त्वचा संबंधी समस्या बढ़ा सकती है।
10 पीसीओडी (PCOD)
पीसीओडी (PCOD) से समस्या से पीड़ित महिलाओ को भी दूध के सेवन से बचना चाहिए। पीसीओडी (PCOD) polycystic ovary syndrome एक ऐसी समस्या है जो महिलाओं को होती है इसमे गर्भाशय में छोटे छोटे फोड़े होने लगते है। कुछ PCOD मरीज लैक्टोज असहिष्णुता (lactose intolerance) होते है यानि वह दूध या कोई भी डेयरी प्रॉडक्ट को पचाने में असमर्थ होते है। PCOD के मरीज़ो में इंसुलिन बढ्ने का खतरा जादा रहता है और अगर आप दूध का सेवन करते है तो यह आपके इंसुलिन लेवल को बढ़ा सकता है जो मरीज के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है।
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11 मधुमेह या खराब शुगर वाले लोग (diabetes and sugar patients)
दूध में प्राकृतिक शुगर होती है जो शुगर लेवल के स्तर को बढ़ा सकती है। यह मधुमेह या प्रीडायबिटीज वाले लोगों के लिए समस्याग्रस्त हो सकता है, जिन्हें अपने कार्बोहाइड्रेट सेवन और शुगर लेवल के स्तर की निगरानी करने की आवश्यकता होती है। दूध में उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) भी होता है, जिसका अर्थ है कि इसके सेवन के बाद शुगर लेवल में तेजी से वृद्धि हो सकती है। उच्च-जीआई खाद्य पदार्थ टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकते हैं। मधुमेह या खराब शुगर लेवल नियंत्रण वाले लोग अपने दूध का सेवन सीमित करना चाहिए इसके अलावा आप दूसरे विकल्प चुन सकते हैं, जैसे कि बिना चीनी वाला सोया दूध या बादाम का दूध।
12 हड्डियों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित
जो लोग अपनी हड्डियों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। दूध को अक्सर हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए कैल्शियम के अच्छे स्रोत के रूप में चयन किया जाता है। हालाँकि, कुछ अध्ययनों से पता चला है कि उच्च डेयरी खपत हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद नहीं हो सकती है, और इससे फ्रैक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी बढ़ सकता है। एक संभावित व्याख्या यह है कि डेयरी उत्पाद शरीर में एसिडोसिस का कारण बन सकते हैं, जो हड्डियों से कैल्शियम निकाल सकता है।
एक और संभावना यह है कि डेयरी उत्पाद अन्य खनिजों के अवशोषण में हस्तक्षेप कर सकते हैं जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं, जैसे मैग्नीशियम और फास्फोरस। जो लोग अपनी हड्डियों के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं, वे अपना कैल्शियम अन्य स्रोतों से प्राप्त करना चाह सकते हैं, जैसे पत्तेदार साग, टोफू, फोर्टिफाइड संतरे का रस, तिल या बादाम।
निष्कर्ष:
अधिकांश वयस्कों के लिए दूध आवश्यक या फायदेमंद नहीं हो सकता है, और कुछ लोगों के पास इससे पूरी तरह परहेज करने के कारण हो सकते हैं। दूध के कई विकल्प हैं जो समान या बेहतर पोषण और स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकते हैं, साथ ही पर्यावरणीय प्रभाव भी कम कर सकते हैं। दूध पीना है या नहीं इसका चुनाव व्यक्ति की व्यक्तिगत प्राथमिकताओं, जरूरतों और लक्ष्यों पर निर्भर करता है।