Arjun ki chhal: जाने अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाने की 3 तरह की विधियाँ

अर्जुन एक औषधीय पौधा है जिसकी छाल को निकाल कर आयुर्वेदिक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है अर्जुन की छाल हृदय के स्वास्थय, और रक्तचाप के लिए फायदेमंद है। यह हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करता है और साथ ही जिन लोगो का कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ होता है उनमे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने में मदद करता है। सर्दियों में इसका सेवन करना और भी जादा फायदेमंद होता है क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है और सर्दियों में इसका सेवन कई तरह की बीमारियों से छुटकारा दिलाने में फायदेमंद हो सकता है।

अर्जुन की छाल का काढ़ा

अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाने की विधि (how to make decoction of arjun brak or herbal tea)

आप 3 तरह से अर्जुन की छाल का काढ़ा बना सकते है जिसको बनाना काफी आसान है। यहाँ आपको 3 तरह की अर्जुन की छाल के काढ़े बनाने की पूर्ण विधि बताई गई है जिसकी सहायता से आप सही तरीके से अर्जुन की छाल का काढ़ा बना सकते है।

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1 अर्जुनरिष्ट (arjunarishta)

यह अर्जुन की छाल और अन्य जड़ी-बूटियों का एक आयुर्वेदिक किण्वित मिश्रण है। इसे बनाने के लिए आपको 4 किलो अर्जुन की छाल, 800 ग्राम धातकी के फूल, 800 ग्राम मधुका के फूल, 2 किलो मुनक्का, 4 किलो गुड़ और पानी की आवश्यकता होगी। आपको अर्जुन की छाल को रात भर पानी में भिगोकर रखना है, फिर इसे उबालकर एक चौथाई मात्रा में कम कर लें।

अर्जुनरिष्ट (arjunarishta)

उसके बाद उसमे गुड़ डालकर छान लें. इसके बाद, पिसी हुई जड़ी-बूटियाँ डालें और कंटेनर को अच्छे से सील कर दें। इसे कुछ हफ्तों तक किण्वित होने दें और फिर दोबारा छान लें। आप इसे एयर-टाइट बोतलों में स्टोर कर सकते हैं। इससे आप खाना खाने से पहले या भी खाना खाने के बाद भी पी सकते है।

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2 अर्जुन क्षीर पाक (arjun ksheer pak)

यह अर्जुन की छाल से तैयार एक साधारण दूध आधारित तैयारी है। इसे बनाने के लिए आपको 160 मिलीलीटर (160ml) बादाम का दूध और लगभग उतना ही 160 मिलीलीटर (160ml) पानी और 10 ग्राम अर्जुन की लाल छाल का पाउडर चाहिए। आपको एक पैन में बादाम का दूध और पानी मिलाना है, फिर पानी के साथ अर्जुन पाउडर का पेस्ट बनाकर पैन में डाल दें और मिश्रण को तब तक धीमी आंच पर पकाएं जब तक केवल दूध न रह जाए और सारा पानी न सूख जाए। बचे हुए द्रव्य को अर्जुन क्षीर या अर्जुन सिद्ध क्षीर कहा जाता है।

3 अर्जुन क्वाथ (arjun kwath)

यह अर्जुन की छाल का मूल जल-आधारित काढ़ा है। इसे बनाने के लिए आपको 48 ग्राम अर्जुन की छाल का दरदरा चूर्ण और 768 मिलीलीटर पानी की आवश्यकता होगी। आपको इस पाउडर को एक पैन में पानी में डालकर धीमी आंच पर तब तक उबालना है जब तक यह 1/8 भाग यानी 96 मिलीलीटर न रह जाए। काढ़े को छानकर गर्म-गर्म पिएं।

इसके अलावा आप तैयार अर्जुन क्वाथ के काढ़े में जब हल्का ठंडा हो जाए तो आप इसमे दूध भी डालकर सेवन कर सकते है। इसका सेवन आपके हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है साथ की हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाने वाले कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने में भी मदद करता है।

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ध्यान रखिए जिन लोगो की पित्त प्रकृति या पित्त बढ़ा हुआ होता है यानि जिन लोगो के शरीर में गर्मी जादा होती है उन लोगो को इसका सेवन कम मात्रा में कारण चाहिए। इसके सेवन से पहले आप किसी अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह परामर्श कर ले सकते है।

मैं उम्मीद करता हूँ यह जानकारी आपके लिए मददगार थी। यदि आपके कोई अन्य प्रश्न या अनुरोध हों तो कृपया मुझे बताएं।

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